पर्प्लेक्सिटी ने भारत में लॉन्च किया Comet AI ब्राउज़र – जानिए पूरी जानकारी
Perplexity AI ने आधिकारिक रूप से अपना नया Comet AI Browser भारत में लॉन्च कर दिया है। कंपनी का लक्ष्य है भारत के विशाल इंटरनेट यूज़र बेस तक पहुँचना। हालांकि, शुरुआत में यह केवल Perplexity Pro सब्सक्राइबर्स यानी पेड यूज़र्स के लिए उपलब्ध होगा।

Comet AI ब्राउज़र क्या है?
Comet को Chromium पर बनाया गया है, वही ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी जिस पर Google Chrome और Microsoft Edge भी चलते हैं।
लेकिन फर्क यह है कि Comet सिर्फ एक सामान्य ब्राउज़र नहीं है। इसमें एक हमेशा सक्रिय रहने वाला AI साइडबार है जिसे कंपनी “Agentic” कहती है। यह साइडबार आपके काम को समझकर आपके लिए फैसले ले सकता है और उन्हें पूरा करने में मदद करता है।
Comet AI ब्राउज़र की मुख्य विशेषताएँ
Perplexity का कहना है कि Comet ब्राउज़र साधारण “ब्राउज़िंग” से आगे बढ़कर “थिंकिंग” यानी सोचने में मदद करता है। इसकी खासियतें हैं:
- ✔️ मल्टी-स्टेप वर्कफ़्लो सपोर्ट – अलग-अलग टैब्स के बीच जुड़े हुए काम।
- ✔️ ईमेल ड्राफ्ट और भेजना – आपके लिए ईमेल लिखना और भेजना।
- ✔️ ऑनलाइन शॉपिंग में मदद – प्राइस और रिव्यू की तुलना।
- ✔️ मीटिंग शेड्यूलिंग और मैनेजमेंट।
- ✔️ ट्रांज़ैक्शन पूरा करना – आपकी अनुमति पर।
- ✔️ कम टैब क्लटर – काम व्यवस्थित और आसान।
सुरक्षा और प्राइवेसी
Perplexity ने Comet को प्राइवेसी-फ्रेंडली बनाने पर जोर दिया है।
- ब्राउज़िंग हिस्ट्री और AI इंटरैक्शन लोकली सेव होते हैं।
- डिफ़ॉल्ट रूप से एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन।
- पासवर्ड मैनेजर इंटीग्रेशन।
- एंटरप्राइज़ फीचर्स जैसे एडमिन कंट्रोल और कॉम्प्लायंस।
इस वजह से यह न सिर्फ व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं बल्कि बिज़नेस ग्राहकों के लिए भी सुरक्षित विकल्प है।
भारत में उपलब्धता
भारत में Comet AI ब्राउज़र का लॉन्च रणनीतिक कदम है क्योंकि चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेट बाज़ार है।
- अभी Windows और macOS पर उपलब्ध।
- Android के लिए प्री-ऑर्डर खुला है।
- iOS सपोर्ट जल्द आने वाला है।
- Bharti Airtel के साथ साझेदारी – लाखों Airtel ग्राहकों को मिलेगा एक साल का मुफ्त Perplexity Pro।
- भारत में नई भर्तियों की योजना – लोकल स्तर पर विस्तार की तैयारी।
भारत क्यों है खास?
भारत में डिजिटल यूज़र्स की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। यही कारण है कि Perplexity यहां जल्दी कदम रख रही है। Airtel के साथ पार्टनरशिप करके कंपनी ने अपने शुरुआती उपयोगकर्ताओं तक आसान पहुंच बना ली है। यह कदम बड़े प्रतिस्पर्धियों से पहले बाज़ार पर पकड़ मजबूत करने का तरीका भी है।
चुनौतियाँ और सवाल
भले ही Comet AI ब्राउज़र का लॉन्च उत्साहजनक है, लेकिन कुछ सवाल बने हुए हैं:
- क्या भारतीय रेगुलेटर्स और पब्लिशर्स इस तरह के AI ब्राउज़र को स्वीकार करेंगे?
- क्या Google और Microsoft भी अपने ब्राउज़र्स में ऐसे फीचर्स जोड़ेंगे?
- क्या आम यूज़र्स को भरोसा होगा कि AI उनकी ओर से सुरक्षित रूप से ईमेल और ट्रांज़ैक्शन संभालेगा?
निष्कर्ष
भारत में Comet AI ब्राउज़र का लॉन्च पर्प्लेक्सिटी का बड़ा और साहसिक कदम है। यह पारंपरिक ब्राउज़िंग अनुभव को बदलकर यूज़र्स को AI-पावर्ड टूल्स से लैस करता है।
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