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Thug Life मूवी रिव्यू हिंदी में i: कमल हासन और मणिरत्नम की कमजोर वापसी

थग लाइफ मूवी रिव्यू: जब ‘नायकन’ जैसी आइकॉनिक फिल्म देने वाली जोड़ी — मणिरत्नम और कमल हासन — तीन दशकों बाद दोबारा साथ आती है, तो दर्शकों की उम्मीदें आसमान छूती हैं। लेकिन ‘थग लाइफ’ में ये दोनों दिग्गज न सिर्फ निराश करते हैं, बल्कि अपनी सबसे कमजोर फिल्मों में से एक पेश करते हैं, जिससे यह सवाल उठता है — आखिर इस घिसी-पिटी गैंगस्टर कहानी में उन्होंने ऐसा क्या देखा जो उन्हें दोबारा साथ लाया?

Thug Life Movie Review in Hind

कहानी का सारांश:

फिल्म की कहानी एक ऐसे गैंगस्टर रांगाराय सक्तिवेल (कमल हासन) के इर्द-गिर्द घूमती है जो निडर, सम्मानित और लगभग अमर दिखाया गया है। वह अमरन नाम के एक लड़के की ज़िंदगी अनजाने में बर्बाद कर देता है और फिर उसे अपने बेटे की तरह पालने का फैसला करता है। वह अमरन की खोई बहन चंद्रा की तलाश करता रहता है लेकिन दो दशक बीत जाने के बाद भी सफल नहीं होता।

अब अमरन (सिलंबरासन टीआर) एक हैंडसम और ताकतवर गैंगस्टर बन चुका है जो सक्तिवेल का सबसे भरोसेमंद साथी है। लेकिन सक्तिवेल को सिर्फ बाहरी दुश्मन सदानंद (महेश मांजरेकर) से ही नहीं, बल्कि अपने ही लोगों — बड़े भाई मणिक्कम (नासर) और महत्वाकांक्षी पाथ्रोस (जोजू जॉर्ज) — से खतरा है, जो अमरन को उसके खिलाफ कर देते हैं।

फिल्म की कमज़ोर कड़ियाँ:

पहला हाफ भले ही धीमी गति से चलता है लेकिन उम्मीद जगाता है कि कुछ दमदार मोड़ आने वाले हैं। कुछ सब-प्लॉट्स जैसे कि इंद्राणी (त्रिशा) की कहानी, जो एक बार सिंगर है और सक्तिवेल उसे अपनी प्रेमिका बना लेता है; जयकुमार रायप्पा (अशोक सेल्वन) नाम का एक ईमानदार पुलिस अधिकारी; और दीपक (अली फज़ल) जो अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता है — ये सभी शुरुआत में दिलचस्प लगते हैं।

लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, स्क्रिप्ट कमजोर होती जाती है और किरदार खोखले लगने लगते हैं। अमरन का किरदार बीच में लंबे समय तक गायब हो जाता है, और सक्तिवेल की बार-बार गोली या चाकू से बच निकलने की घटनाएं बेहद अविश्वसनीय लगती हैं। सदानंद और दीपक जैसे विलेन भी कमजोर साबित होते हैं। यहां तक कि ए. आर. रहमान का बैकग्राउंड म्यूजिक भी प्रभावहीन लगता है।

तकनीकी पक्ष और अच्छी बातें:

फिल्म की प्रोडक्शन क्वालिटी काफी उच्च स्तर की है। रवि के चंद्रन की सिनेमैटोग्राफी बहुत शानदार है और चंद्रा की खोज और अंत में सक्तिवेल-अमरन की टक्कर कुछ हद तक दर्शकों को फिल्म से जोड़े रखती है।


निष्कर्ष (Conclusion):

थग लाइफ में मणिरत्नम और कमल हासन की जोड़ी एक सुनहरी याद बन सकती थी, लेकिन कमजोर लेखन, बिखरा हुआ नैरेटिव और सतही किरदारों के कारण यह फिल्म अपने उद्देश्य में विफल रहती है। अगर आप सिर्फ स्टार पॉवर या स्टाइलिश प्रोडक्शन देखने के इच्छुक हैं, तो एक बार देख सकते हैं, लेकिन कहानी या इमोशनल कनेक्शन की उम्मीद न करें।


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