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भारतीय इंजीनियर सोहम पारिख ने एक साथ कई अमेरिकी स्टार्टअप्स में गुपचुप नौकरी की — जानिए पूरा मामला

भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर सोहम पारिख एक बड़े विवाद के केंद्र में हैं, जिन्होंने एक साथ 30 से अधिक अमेरिकी स्टार्टअप्स में काम करने की बात कबूल की है। यह खुलासा तब हुआ जब अमेरिका के मशहूर एंटरप्रेन्योर सुहैल दोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर उन्हें “scammer” (धोखेबाज़) कहकर आरोप लगाए।

सोहम पारिख ने एक साथ 34 कंपनियों में की नौकरीटेक इंडस्ट्री में मचा हड़कंप

क्या है पूरा मामला?

Mixpanel और Playground AI के को-फाउंडर सुहैल दोशी ने पोस्ट किया:

“एक व्यक्ति है — सोहम पारिख (भारत में) — जो एक ही समय में 3-4 स्टार्टअप्स में काम करता है। वह कई YC (Y Combinator) कंपनियों को धोखा दे चुका है। सावधान रहें।”

उन्होंने दावा किया कि पारिख ने उनकी एक कंपनी में भी कुछ दिन काम किया था, लेकिन एक हफ्ते के भीतर ही निकाल दिया गया। बाद में पता चला कि पारिख Alan AI, Synthesia, DynamoAI, Union.ai जैसी कंपनियों समेत लगभग 34 संस्थानों में एक साथ नौकरी कर रहे थे, वो भी ओवरलैपिंग टाइम पीरियड में।

स्टार्टअप्स को कैसे बनाया गया निशाना?

AI स्टार्टअप Create के को-फाउंडर ध्रुव अमीन ने बताया कि उन्होंने पारिख को अपनी टीम में पाँचवें इंजीनियर के रूप में रखा था। लेकिन पहले ही दिन पारिख ने “बीमार” होने की बात कही और लैपटॉप की डिलीवरी के लिए एक ऑफिस एड्रेस (घरेलू नहीं) भेजा।

ध्रुव को शक हुआ और उन्होंने उस एड्रेस की जाँच की, जो वास्तव में एक और YC कंपनी Sync Labs का पता निकला। इस दौरान पारिख ना सिर्फ GitHub पर देर रात एक्टिव पाया गया, बल्कि टीम मीटिंग्स भी मिस करने लगा और काम समय पर नहीं दे रहा था।

आखिरकार जब कंपनी ने Sync Labs से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि पारिख “वर्क फ्रॉम होम” पर हैं — यानी वह दोनों जगह एक साथ काम कर रहा था।

सोहम पारिख का जवाब

सोशल मीडिया पर चल रहे इस बवाल के बीच सोहम पारिख ने चुप्पी तोड़ी और स्वीकार किया कि उन्होंने मजबूरी में एक साथ कई नौकरियाँ कीं। उन्होंने कहा:

“यह सच है। मैं इससे गर्व नहीं महसूस करता। लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। किसी को भी 140 घंटे/सप्ताह काम करना पसंद नहीं है, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।”

उन्होंने यह भी कहा कि उनका इरादा किसी को ठगने का नहीं था, यह केवल वित्तीय संकट की वजह से हुआ।

क्या कहती है यह घटना?

यह पूरा मामला आधुनिक “overemployment” ट्रेंड की ओर इशारा करता है — जिसमें लोग एक साथ कई रिमोट नौकरियाँ करते हैं, बिना कंपनियों को सूचित किए। साथ ही यह घटना बताती है कि कई स्टार्टअप्स बिना उचित बैकग्राउंड चेक किए ही उम्मीदवारों को हायर कर लेते हैं।


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